प्यास हमें पी जाएगी।
कूप, नदी, नल , झील, नहर
हर–घाट पर ठोकर खाएंगे
तड़प–तड़प कर दम तोड़ेंगे
पर प्यास बुझा ना पायेंगे
बूंद बूंद की कीमत समझो
उसे बचा कर रखो तुम
जिस दिन पानी नहीं बचेगा
प्यास हमें पी जाएगी
प्यास हमें पी जाएगी ।।
©अभिषेक पाण्डेय