तीन वर्णों की नारी, सदा जरूरी l
प्यास पहेली
तीन वर्णों की नारी, सदा जरूरी l
सहज करवाए, हजूरी पर हजूरी ll
प्रथम वर्ण है, बस सब प्रीत का कारण l
मध्य वर्ण है, सर खाज संकट प्रकरण ll
जब जब ना हो, यह सहज पूरी पूरी l
मन मन जहन जहन रही हूँ, धरी धरी ll
छटवी पंक्ती, न रखे इच्छा अधूरी l
अब मिट ही जाए, अक्ल से ये दूरी ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न