प्यासा मुद्दत से
तेरी मुस्कान देख कर लगा हमे
हमे अपना सहारा मिल गया है
भटकता मै रहा प्यासा मुद्दत से
जीवन बुंद से दुबारा मिल गया है
सभी मंदिर-मस्जिद हर जगह गये
बेटा फिर भी नकारा मिल गया है
लगा उसने सुनी है आज दिल की
फिजाओ से इशारा मिल गया है
तेरी चाहत मे है इतनी शिद्दत के
ये मानो ख्वाब प्यारा मिल गया है