प्यार _ प्यार _ प्यार सभी तो करते __ गजल/ गीतिका
प्यार प्यार प्यार सभी तो करते हैं जमाने में.
किसी को मिलता शकुन किसी को सताने में।।
अपने अपने रास्ते सबको चलते रहना चाहिए।
क्या मिलता है किसी की राह में रोड़ा अटकाने में।।
नहीं कोई काम तो क्यों निकलते हो भीड़ भाड़ में।
खतरे नहीं कम है आजकल बाजार जाने में।।
किसी ने सादगी से साथ निभाया हो गर आपका।
क्या जाता है आपका उसका प्यार निभाने में।।
रार तकरार इकरार इनकार ये तो खेल है प्यार के।
इकरार का ही खेल गाइए अपने तराने में।।
चलो कुछ ऐसा कर जाएं हम तुम यार।
“अनुनय” मजा आ जाए जिंदगी बिताने में।।
राजेश व्यास अनुनय