प्यार
प्यार की इंतेहा नहीं होती ।
प्यार की ज़ुबाँ नहीं होती।
प्यार तो एक ए़़हसास है ।
जो दिल से म़हसूस किया नज़रों से बयां किया जाता है ।
यह तो दिल से दिल का रिश़्ता है जिसका रू़ह से रू़ह का वा़स्ता है ।प्यार किसी हक़ का मय़स्सर नहीं।
प्यार किसी का म़ुक़द्दर नहीं ।
लाख कोश़िश कर ले ज़माना प्यार मिटता नहीं।
किसी ज़ोर के आगे झुकता नहीं।
प्यार तो फूलों सी म़हक है ।
अंगारों सी द़हक है ।
प्यार तो सब कुछ लुटा देने का नाम है ।
प्यार तो खुद को मिटा देने का नाम है ।
प्यार वो दास्ताँँ है जो मिटाए नहीं मिटती।
जो हरफ़ो में नहीं सिमटती ।
प्यार तो हक़ीक़त का नाम है ।
प्यार तो क़ुर्बानी की शाम है ।
प्यार तो आजादी का नाम है ।
प्यार तो दिली पैग़ाम है ।
प्यार जो दिलों में बसता है ।
वह दिल से दिल का रा़ब्ता है ।
प्यार तो है वो रोश़नी है ।
जिससे रोश़न है ये ज़िन्दगी ।