प्यार है इक अहसास
शीर्षक -प्यार है इक अहसास
प्यार है इक अहसास, जिंदगी में होता है खास।
प्रेम बिन जिंदगी है बेकार, इश्क को करों स्वीकार।
लेती है जिंदगी इम्तिहान,जब होती है आंखें चार।
छुपाये नहीं छुपता प्यार, जगते हुए सपनें दिखते हैं यार।
प्यार में लगता है, सारा संसार जन्नत।
प्यार हो कबूल,रव से मांगते हैं ये मन्नत।
प्यार के स़फीने, इश्क के समुन्दर में लेती है हिचकोले।
दिल में मचा है शोर, प्रेम की डोर खींचना होले- होले।
प्रेम रोग जब हो जाएं,प्रियमवदा चारों ओर नजर आएं।
दिन हो या रात, सपनों की मंजिल ख्वाब बन जाएं।
मंजनू बन घूमूं मैं,परछाई में भी तूं नज़र आएं।
दिल हो रहा बेकाबू,जब तूं बादलों में छिप जाएं।
इश्क के समुन्दर में हम तुम डूब जाएं, और इक कहानी बन जाएं।
विरह वेदना में झुलस रहे हैं हम, चांद बन रातें महकाओं।
वेलेंटाइन डे है आज,हम इक दूजे के हो जाएं।
मेरा दिल कह रहा है आइ लव यू,सांसें सरगम दे रही।
इस जन्म न सही , मिलेंगे हम सातों जन्म,ये वादा दे रही।
होंगे सपने साकार कभी, जिंदगी से रखना आस यही।
जियेगें मरेंगे हम साथ – साथ,मिले हम हर जन्म, रव करते हैं अरदास ।
विभा जैन (ओज्स)
इंदौर (मध्यप्रदेश)
सोलह श्रृंगार कर विभा, प्रीतम को तन मन सौंप रही।
विभा जैन (ओज्स)
इंदौर (मध्यप्रदेश)