प्यार हैं जताना
सबसे पहले प्यार का मतलब होता क्या हैं की सिर्फ़ दूसरो से कुछ इच्छा रखना नहीं प्यार का मतलब होता हैं एक दूसरे जिनसे हम प्यार करते हैं उनकी भावनाओं को समझना और एक दूसरे का सहयोग कर जिवन में आगे बढ़ते रहना।
प्यार में हमेशा ये नहीं होता की एक ही सही रहे या एक की बात ही सुनी जाएं कभी कभी प्यार के लिए झुकना पड़ता हैं और दूसरों को भी अहमियत देनी पड़ती हैं कभी कभी अपने साथी के कहे अनुसार चलना पड़ता हैं “प्यार हैं जताना” पढ़ के मन में एक ही रिश्ता आता होगा प्रेमी और प्रेमिका का लेकिन प्यार इन दोनों के बीच हो उसको बस नहीं कहते भाई बहन, सास बहू, माता बेटा, दादा पोता इन सब रिश्तों में भी प्यार होता हैं।
अब प्यार के प्रकार हैं कुछ:-
1. बाहरी दिखावा वाला=यहां प्यार का बुरा स्वरूप है क्योंकि इसमें केवल बाहर से प्यार दिखते हैं लेकिन अंदर से कोई मतलब नहीं होता की कुछ भी करे मुझे क्या और इस प्रकार के प्यार में केवल मतलबी लोग ही होते हैं जो अपने प्रेमी से कुछ पाने की बस इच्छा रखते हैं पा लेने के बाद अनजान बनकर अपने प्रेमिका को छोड़ देते हैं उदहारण के लिए प्रेमी और प्रेमिका के प्यार में कई प्रेमी केवल प्रेमिका से कामभाव की ईच्छा रखता हैं और मिल जाने के बाद प्रेमिका को छोड़ दूसरी ओर चल देता है।
2. भीतरी जताने वाला=इसे हम सच्चा और अच्छा प्यार कह सकते है क्योंकि इसमें ईच्छा की प्रधानता नहीं होती बल्कि प्रेमी हर परिस्थिति में प्रेमिका का साथ देता हैं सुख में दुख में और हमेशा सहयोग करता हैं। और अपने प्यार के लिए किसी भी हद तक जानें को तैयार रहता हैं। इसमें प्रेमी प्रेमिका जीवन भर प्यार में रहते हैं।
प्यार की बात हो रही हैं तो विभिन्न वर्गों के प्यार में क्या करना चाहिए देखते हैं
“भाई बहन”इस प्यार का मतलब की हमेशा बहन की रक्षा करना इसी प्यार का प्रतीक हम रक्षा बंधन के रूप में मनाते हैं क्योंकि समाज में महिलाओं को नीचा समझा जाता हैं इसलिए बहन को सहयोग करना जरूरी हैं।
“दादा पोता” एक ऐसा प्यार जिसमें बड़ो का सम्मान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और शायद इसके बिना ये प्यार चल भी ना पाएं। और इनकी आज्ञा का हमेशा पालन करना इनकी सेवा करना बिना स्वार्थ के।
“भाई भाई” इनके बीच का प्यार हमेशा दोस्तों की तरह होना चाहिए जिसमें झगड़ा भी और प्रतियोगिता भी हो आगे जाने की जिससे जितने वाले से सीखने को मिले हमेशा।
कुल मिला के प्यार नाजुक धागे के समान होता हैं जो ज्यादा जोर से खींचने पर टूट जाता हैं अगर इसमें त्याग भाव ना हो, और दूसरों के भावना समझना ना आए तो प्यार नही रह सकता।
इसके बुरे परिणाम भी हैं की कई बार इस प्यार के कारण जान भी गवाना पड़ जाता हैं और कई इस प्यार के चक्कर में पड़कर अपना भविष्य खराब कर लेते हैं जो अच्छी बात नहीं है
सबसे अच्छा और मधुर होता हैं छोटे बच्चे और मां का प्यार जिसमें बच्चें को देखे बिन मां को चैन नहीं आता हैं चाहें वो जानवरों में हों या पक्षियों में या इंसान में हों तो इसी तरह प्यार बनाएं रखिए।