प्यार से मुझको बदलने वाला
प्यार से मुझको बदलने वाला
दर्द मेरा वो समझने वाला
हर अदा उसकी बड़ी क़ातिल है
दिल संभाले न संभलने वाला
जो तेरी याद ने दे डाला है
ज़ख़्म वो अब है न भरने वाला
रह के ख़ामोश जो डसने वाला
आस्तीं में है वो पलने वाला
गिर गया है जो कोई नज़रों से
फिर नहीं वो है संभलने वाला
अब ज़रूरत ही नहीं दुश्मन की
मिल गया दोस्त भी छलने वाला
चन्द सिक्कों के लिए बिक जाए
है ख़तरनाक़ वो बिकने वाला
इक दफ़अ ही तो चला जो खोटा
फिर दुबारा से न चलने वाला
वो गरजता ही नहीं पहले से
अब्र ‘आनन्द’ बरसने वाला
– डॉ आनन्द किशोर