प्यार से महकाते होंगे।
अरमां जाग उठे हैं दिल में, साजन मेरे आते होंगें,
अपनी मीठी मुस्कान लिये, घर में खुशियाँ लाते होंगे,
जब से गए परदेस सजन, सूनापन है मेरी आँखों में,
दीदार कराकर अपना, नैनों में सुख बरसाते होंगें,
उन बिन सावन की बदरी भी,आग लगाती मेरे मन में,
अपने निश्छल प्रीत से, मेरे मन की आग बुझाते होंगें,
दिखता है पूनम का चाँद,अमावस की रैना सा मुझको,
अपनी कांती से वह, मेरे चंदा का तेज बढ़ाते होंगे,
लगता है उजड़ा उजड़ा सा,बिन साजन यह मधुवन मेरा,
आकर वो इस मधुवन को,अपने प्यार से महकाते होंगे।
By:Dr Swati Gupta