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6 Jan 2018 · 1 min read

प्यार वो छुपाते हैं

2122 1212 22

प्यार है तो क्यों वो छुपाते हैं।
हर घड़ी वो तो आजमाते हैं

आज तुम जो मिले नसीबों से।
अपना अब तुम्हें हम बनाते हैं

जो निगाहें मिली सनम से यूँ।
तो बुलंदी पे खुद को पाते हैं

हाथ तुमने कभी छुआ था यूँ।
चूम कर हाथ मुस्कुराते है

जख्म भरने लगा पुराना अब।
आओ फिर से नमक लगाते हैं

आरती लोहनी
मोहाली,पंजाब

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