प्यार या तकरार
तुम भोली भाली और मैं सीधा-साधा।
तुम रस की गोली और मैं उसका आधा।।
तुमने घर सवार और मैं तुम पर वारा।
तुम करो शिकायत मैं बस मुस्कुराया।।
कभी नोक झोंक और कभी रूसा मटकी।
कभी टोका टाकी कभी छीना झपटी।।
कभी गुस्सा गुस्सी और कभी नयन मट्टका।
कभी मैं मैं मैं मैं और कभी तू तू मैं मैं।।
कभी हंसी मजाक और कभी प्यार मोहब्बत।
कब उम्र गुजर गई और ये भागमभागी।।
ना बात कही हैं कभी भी मन की।
तू जान मेरी और मैं प्राण तेरा हूँ।।
तू मुझको प्यारी और मैं अरमान तेरा हूँ।
मैं बोलू तुझसे हर बात ही दिल की।।
प्राणप्रिये और प्रियतम मेरी।
लिखू ये मन की बात भी दिल से।।
ललकार भारद्वाज