Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Sep 2020 · 1 min read

पीठ पर वार करते नहीं

प्यार में ही लुटे हैैं कई बार हम
अब करेंगे न आंखें कभी चार हम

नस्ल दर नस्ल आईं हैं खुद्दारियॉं
पीठ पर वार करते नहीं यार हम

दीन दुनिया यह जन्नत बनेगी तभी
छोड़ दें आज मिलकर यह तकरार हम

फेरते हैं जो पानी किए काम पर
क्या गिनाएं उन्हें आज उपकार हम

मसअले का कोई हल निकलता तो हो
फिर झुकाएं चलो खुद को इक बार हम

अब जिदें आपकी कौन पूरी करे
सामने रख चुके सारा संसार हम

बे तकल्लुफ़ हरिक राज़ कह दीजिए
राजदां हैं, नहीं कोइ अख़बार हम

दर्दो ग़म से हो’ फुर्सत, सुने तब कहीं
पायलों की तिरी आज झनकार हम

6 Likes · 4 Comments · 346 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रेम का प्रदर्शन, प्रेम का अपमान है...!
प्रेम का प्रदर्शन, प्रेम का अपमान है...!
Aarti sirsat
धैर्य वह सम्पत्ति है जो जितनी अधिक आपके पास होगी आप उतने ही
धैर्य वह सम्पत्ति है जो जितनी अधिक आपके पास होगी आप उतने ही
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
"नजरें मिली तो"
Dr. Kishan tandon kranti
मानव पहले जान ले,तू जीवन  का सार
मानव पहले जान ले,तू जीवन का सार
Dr Archana Gupta
वो इश्क किस काम का
वो इश्क किस काम का
Ram Krishan Rastogi
सत्य प्रेम से पाएंगे
सत्य प्रेम से पाएंगे
महेश चन्द्र त्रिपाठी
आया बसन्त आनन्द भरा
आया बसन्त आनन्द भरा
Surya Barman
पयसी
पयसी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तेरे संग ये जिंदगी बिताने का इरादा था।
तेरे संग ये जिंदगी बिताने का इरादा था।
Surinder blackpen
संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट
संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गले लगाना है तो उस गरीब को गले लगाओ साहिब
गले लगाना है तो उस गरीब को गले लगाओ साहिब
कृष्णकांत गुर्जर
मैं तो महज नीर हूँ
मैं तो महज नीर हूँ
VINOD CHAUHAN
बादल और बरसात
बादल और बरसात
Neeraj Agarwal
बखान गुरु महिमा की,
बखान गुरु महिमा की,
Yogendra Chaturwedi
💐प्रेम कौतुक-305💐
💐प्रेम कौतुक-305💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
💜💠💠💠💜💠💠💠💜
💜💠💠💠💜💠💠💠💜
Manoj Kushwaha PS
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
*संवेदना*
*संवेदना*
Dr Shweta sood
मईया रानी
मईया रानी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
2896.*पूर्णिका*
2896.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
“मृदुलता”
“मृदुलता”
DrLakshman Jha Parimal
मैं बदलना अगर नहीं चाहूँ
मैं बदलना अगर नहीं चाहूँ
Dr fauzia Naseem shad
मोहब्बत की दुकान और तेल की पकवान हमेशा ही हानिकारक होती है l
मोहब्बत की दुकान और तेल की पकवान हमेशा ही हानिकारक होती है l
Ashish shukla
राष्ट्रीय किसान दिवस
राष्ट्रीय किसान दिवस
Akash Yadav
*गीता के दर्शन में पुनर्जन्म की अवधारणा*
*गीता के दर्शन में पुनर्जन्म की अवधारणा*
Ravi Prakash
First impression is personality,
First impression is personality,
Mahender Singh
राम छोड़ ना कोई हमारे..
राम छोड़ ना कोई हमारे..
Vijay kumar Pandey
शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ
शून्य हो रही संवेदना को धरती पर फैलाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
विरह वेदना फूल तितली
विरह वेदना फूल तितली
SATPAL CHAUHAN
स्वीकारोक्ति :एक राजपूत की:
स्वीकारोक्ति :एक राजपूत की:
AJAY AMITABH SUMAN
Loading...