“प्यार में तेरे “
“प्यार में तेरे ”
लबों पर तेरा नाम है अभी भी,
मगर…….बताऊँ कैसे !
तुझसे नाराज़ आज भी हूँ,
मगर जताऊँ कैसे !
मिलन की प्यास अभी भी है,
मगर …….बुझाऊँ कैसे !
अब भी तेरी परवाह है,
मगर दिखाऊँ कैसे !
तेरी यादें नस-नस में अभी भी है,
मगर …… मैं भला तुम्हें भुलाऊँ कैसे !
दर्द है दिल में मेरे,
मगर तुम्हें दिखाऊँ कैसे !
बहुत है चमन में कलियाँ सारी,
मगर…… इन्हें अपना हमराज बनाऊँ कैसे !
अब भी हैं इंतज़ार तेरा उन राहों पर,
मगर तुम्हें बुलाऊँ कैसे !!