*प्यार (मुक्तक)*
प्यार (मुक्तक)
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चाह सबकी सभी होतीं पूरी नहीं
जिंदगी कौन-सी जो अधूरी नहीं
स्वार्थ से सिर्फ जीवन न चलता कभी
प्यार से और कुछ भी जरूरी नहीं
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451