#प्यार भरे दोहे
ये माना दिल तोड़ कर,हँस तो लोगे आप।
पर तोड़े दिल का कभी,सह न सकोगे श्राप।।
आँसू आहें दिल जली,तोड़ सकें अभिमान।
मानो माचिस ख़ुद जले,करने राख जहान।।
मौत मिले जो शान की,गले लगा कर चूम।
लाज भरा जीवन मिले,लिए कभी ना घूम।।
दिल की बाज़ी हार के,दिल को लेना जीत।
तबला खाए चोट पर,मन जीते संगीत।।
साख बनो पर प्रेम की,याद रहो दिन रैन।
जैसे बाती तेल की,ज्योति बसे मन नैन।।
प्यार हृदय का मूल है,हो सकता ना शूल।
शूल बना वो प्यार क्या,मात्र मनुज की भूल।।
प्रेम बड़ो के लिए हो,आप बराबर प्यार।
छोटों से कर स्नेह तू,स्वर्ग लगे संसार।।
#आर.एस.’प्रीतम’