**प्यार भरा पैगाम लिखूँ मैं **
**प्यार भरा पैगाम लिखूँ मैं **
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प्यार भरा पैगाम लिखूँ मै,
नाम तुम्हारा सरेआम लिखूँ मैं।
कैसे गुजरा पल छिन तुम बिन,
तेरी याद में रोया हर दिन,
खुद को तेरा गुलाम लिखूँ मैं।
प्यार भरा पैगाम लिखूँ मैं।
सह ना होती ज़ालिम तन्हाई,
बजेगी कब घर आँगन शहनाई,
जीवन तेरे नाम लिखूँ मैं।
प्यार भरा पैगाम लिखूँ मैं।
देखूँ छुप कर चोरी – चोरी,
कब बाँधोगी प्रेम की डोरी,
जो भी हो तेरा दाम लिखूँ मैं।
प्यार भरा पैगाम लिखूँ मैं।
मनसीरत आया दर पर जोगी,
बन गया हूँ तेरे प्रेम में रोगी,
नतमस्तक हो प्रणाम लिखूँ मैं।
प्यार भरा पैगाम लिखूँ मैं।
प्यार भरा पैगाम लिखूँ मैं,
नाम तुम्हारा सरेआम लिखूँ मैं।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)