प्यार तुम सबसे करो मैंने तुम्हें रोका नहीं।
गज़ल
काफ़िया- आ स्वर की बंदिश
रद़ीफ- नहीं
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फाइलुन
2122…….2122…….2122…….212
प्यार तुम सबसे करो मैने तुम्हें रोका नहीं।
ये गिला है आपसे मुझको कभी चाहा नहीं।
गोपियों संग कृष्ण जैसा प्यार पावन कीजिए,
मुझसे क्यों सबसे करो ये प्यार है धोका नहीं।
धूप ह़ो या छाँव हो बस साथ मेरा दीजिए।
साथ साया बन के दो है कोई हम साया नहीं।
मुफ़लिसों के हक की रोटी खाते हैं जो छीनकर,
ऐसे लोगों से मेरा कोई भी है रिश्ता नहीं।
हैं सभी उपलब्ध चीजें विश्व के बाजार में,
प्यार दुनियाँ के किसी बाजार में बिकता नहीं।
ले गई आराम तलब़ी आदमी की जिंदगी,
आज कोई दो कदम पैदल कभी चलता नहीं।
बन के ‘प्रेमी’ हीर रांझा कितने ही आये गये,
प्यार में श्री कृष्ण जैसा कोई भी रसिया नहीं।
…….✍️ प्रेमी