प्यार तुम्हारा….
हृदय तुम्हारा हैं नंदन सा
प्रेम तुम्हारा अभिनंदन सा
साथ तुम्हारा मलय पवन सा
प्रीत तुम्हारी मधुर पुष्प गन्ध सा।
प्रीत तुम्हारी बहती गंगा सी
बहती दिल मे मंद मंद सी
याद तुम्हारी सुख देती सी
ठहरीं यादे मधुर मधुर सी।
तुम पर मेरा पूर्ण अर्पण सा
गंगा जमुना के संगम सा
मधुर प्रेम के पूर्ण समर्पण सा
आखो में मेरी पल पल बसता।
प्यार हमारा गौरी शिव सा
पल पल बीते खुशहाली सा
महके जीवन के पल पल सा
प्रीतम आन मिलो मन मीत सा।
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद