प्यार जताना न आया
अफ़सोस है कि प्यार जताना न आया हमे
अफ़सोस है कि हमने क्यों न मनाया तुम्हे
अफ़सोस है कि प्यार जताना
हैं तन्हाँ अभी हम पहले कभी ऐसा न हुआ
या रूसवा हो तुम पहले कभी ऐसा न हुआ
अफ़सोस है कि हमने क्यों न मनाया तुम्हे
अफ़सोस है कि प्यार जताना……………..
हर घड़ी याद करके तुम्हे यूँ दिल जलाते हैं
वो लम्हे बिताए संग थे कभी न भूल पाते हैं
अफ़सोस है कि हमने क्यों न मनाया तुम्हे
अफ़सोस है कि प्यार जताना……………..
हमको न कोई आरजू अब न कोई जुस्तजू
‘विनोद’ तुम ही हो मेरे इस दिल की आबरू
अफ़सोस है कि हमने क्यों न मनाया तुम्हे
अफ़सोस है कि प्यार जताना……………..
स्वरचित
( विनोद चौहान )