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14 May 2024 · 1 min read

प्यार चाहा था पा लिया मैंने।

गज़ल

2122/1212/22
प्यार चाहा था पा लिया मैंने।
खुद से ही दिल लगा लिया मैंने। 1

बेसबब ही किसी की उल्फत में,
दर्द ओ गम भी उठा लिया मैंने।2

मांगने वाला दे रहा मुझको,
हाथ पीछे हटा लिया मैंने।3

जबसे बैठा गुरु के चरणों में,
शीश तब से झुका लिया मैंने।4

अब तो जीने के वास्ते खाना,
जो मिला वो ही खा लिया मैंने। 5

रह के कालिख की कोठरी में भी,
अपना दामन बचा लिया मैंने।6

मैं हूॅं प्रेमी मुझे वो खोजेगा,
डर से चेहरा छुपा लिया मैंने।7

……….✍️ सत्य कुमार प्रेमी

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