प्यार के सिलसिले
कुछ ऐसे भी हैं, प्यार के सिलसिले
जख्म देते बहुत, कई सिकबे गिले
कभी बेवजह तुझे, कभी बेवजह मुझे।
छोटी छोटी बातों का यूं, होता असर है
खुश हो मिजाज फिर भी, लगता क्यूं डर है
क्यों अचानक कभी गम मिले गम मिले ।
कभी बेवजह…………………………….
ना आए नजर, गुलशन मौसम सवेरा
लगता है छाया जैसे, काफी अंधेरा
कुछ ऐसे भी है, दिल जले दिल जले।
कभी बेवजह…………………………….
✍️ बसंत भगवान राय