प्यार की अपनी कहानी हम सुनाने आ गये।
प्यार की अपनी कहानी हम सुनाने आ गये।
जख्म जो हमको मिले हैं वह दिखाने आ गये।
जो किये थे वायदे इस प्यार में उसने कभी-
अब फरेबी जाल से पर्दा उठाने आ गये।
दे रही थीं जो दलीलें बेवफाई आपकी-
उन दलीलों को लिए हम भी जलाने आ गये।
राह उनकी है अलग अब है न हमसे वासता-
बेहयाई देखिए उनका बताने आ गयो।
जख्म जो तुमने दिये बस सोच लो उसके लिए-
मयकदे में जाम हम पीने पिलाने आ गये।
रात है खामोश फिर भी धड़कनों में शोर है-
देख लो तूफां की ज़द में आशियाने आ गये।
ख्वाब टूटा था हमारा वो न आये कब्र पे-
अब सचिन सबको दिखा रोने रुलाने आ गये।
✍️पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’