Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jul 2023 · 1 min read

प्यार का लफ्ज़😊

सुनते हो —

जब से तुमको महसूस किया है
तब से तुम मेरे एक लफ्ज के पन्ने हो,
उसे हमने एक थोड़े से दिल मे सहेज के रखा है
वो पन्ने रखूंगी मै उम्र भर के लिए ।
बस हम न प्रेम जानते है
न मोहब्बत
न ही प्रेम के मायने
बस तुम्हें और महसूस करने का प्रयास करती हूँ बस प्रेम को महसूस ।।
उन लफ्जों में जब हम तुम्हें लिखी रही थी।
तो उस समय मेरे हृदय कि धड़क चल रही थी।।
तुम शांत थे तुम सागर जैसे मैं पयोनिधि जैसी उफ्न रही थी रेत जैसे जल रही थी।। कैसे संभाल पाते तुम मुझे यही सोच रही थी ।। मै बर्ष रही थी उस पन्नों पर और उकेरे जा रहे थे तुम।।
तुम्हें यह भी सोच रही थी कि कहीं तुम भी मेरे साथ बह न जाओ, जल न जाओ मेरे उष्म से ,तुम जो बहते तो मैं कहाँ ठहर पाती ।। बस यही सोच उन्ही गहराइयों मे सहेज कर रख भी रही थी और तुम्हें संजो भी रही थी
बस अपने प्रेम में तुम्हें लिए लफ्ज लिख रही थी ।।
आज का मौसम तो इतना रंगीन है कि बस तुम्हारे बारे मे लफ्ज़ संजोग के सोच रहूँ ।।

(स्वरा कुमारी आर्या)✍️

2 Likes · 2 Comments · 57 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बोला लड्डू मैं बड़ा, रसगुल्ला बेकार ( हास्य कुंडलिया )
बोला लड्डू मैं बड़ा, रसगुल्ला बेकार ( हास्य कुंडलिया )
Ravi Prakash
आधुनिक युग में हम सभी जानते हैं।
आधुनिक युग में हम सभी जानते हैं।
Neeraj Agarwal
संघर्ष
संघर्ष
Sushil chauhan
कुछ इस लिए भी आज वो मुझ पर बरस पड़ा
कुछ इस लिए भी आज वो मुझ पर बरस पड़ा
Aadarsh Dubey
डायरी भर गई
डायरी भर गई
Dr. Meenakshi Sharma
समय की कविता
समय की कविता
Vansh Agarwal
डिग्रीया तो बस तालीम के खर्चे की रसीदें है,
डिग्रीया तो बस तालीम के खर्चे की रसीदें है,
Vishal babu (vishu)
ढलती हुई दीवार ।
ढलती हुई दीवार ।
Manisha Manjari
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ये गजल बेदर्द,
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ये गजल बेदर्द,
Sahil Ahmad
हमने भी ज़िंदगी को
हमने भी ज़िंदगी को
Dr fauzia Naseem shad
सुविचार
सुविचार
Sarika Dhupar
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
किस दौड़ का हिस्सा बनाना चाहते हो।
किस दौड़ का हिस्सा बनाना चाहते हो।
Sanjay ' शून्य'
नारी
नारी
Dr Parveen Thakur
कहते हैं संसार में ,
कहते हैं संसार में ,
sushil sarna
*** तस्वीर....! ***
*** तस्वीर....! ***
VEDANTA PATEL
India is my national
India is my national
Rajan Sharma
In the middle of the sunflower farm
In the middle of the sunflower farm
Sidhartha Mishra
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
वो सुहाने दिन
वो सुहाने दिन
Aman Sinha
है शामिल
है शामिल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जिस्मों के चाह रखने वाले मुर्शद ,
जिस्मों के चाह रखने वाले मुर्शद ,
शेखर सिंह
2872.*पूर्णिका*
2872.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भोर काल से संध्या तक
भोर काल से संध्या तक
देवराज यादव
दोहा छन्द
दोहा छन्द
नाथ सोनांचली
तेरा मेरा रिस्ता बस इतना है की तुम l
तेरा मेरा रिस्ता बस इतना है की तुम l
Ranjeet kumar patre
ईर्ष्या, द्वेष और तृष्णा
ईर्ष्या, द्वेष और तृष्णा
ओंकार मिश्र
*नयी पीढ़ियों को दें उपहार*
*नयी पीढ़ियों को दें उपहार*
Poonam Matia
मैं तो महज शराब हूँ
मैं तो महज शराब हूँ
VINOD CHAUHAN
Loading...