प्यार का मौसम
(प्यार का मौसम)
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मौसम आते रहे
यूं ही जाते रहे
पतझड़ गया तो
बसंत भी आया
बहारें भी आई
घटाएं भी छाई
भिगोने मन को
बरखा भी आई
हर बार मौसम
को बदलते पाया
जब-जब उम्र का
कोई पड़ाव आया
प्यारा सा मौसम
ऐसा भी आया
प्यार की सौगात
भी साथ लाया
अद्भुत अनजाने
दीवाने पल लाया
ख्वाब इक जगाया
हमें उनसे मिलाया
पहली बारिश सा
कोई मन भाया
ठंडी फुहारों सा
बाहों में समाया
मौसम और भी
आकर चले गए
प्यारा सा अजनबी
जिंदगी बन आया
बस था यही इक
प्यार का मौसम
जिसे दिल कभी
भूल ही न पाया
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© गौतम जैन ®