प्यार का पहला खत
मेरे दिल में रहने वाले ,मेरे हालात से अंजान दोस्त,
मैंने सोचा है कि आज तुझे खत लिखूँ…
आज लिखूँ कि सारी दुनिया को छोड़कर
मेरी अनकही चाहत ने,
कितने गहरे ज़ख्म दिल को दिया करते हैं..
कैसे अंधेरी रात में बेवफा आँसू ,
तेरी तन्हाई में थम -थम कर बहा करते हैं..
कई बार गुस्से में तुझे भूलने की भी कोशिश ,
पर कितना बेबस एक तुम्हे याद भी किया करते हैं..
कैसे कहूँ बिलखते हुये बेबस किस्से ,
नाम ले -लेकर तेरा लोग मुझपे हँसा करते हैं..
ताने कसते हैं हर बार मेरी चाहत पर ,
मेरे दिल के एहसास को बदनाम किया करते हैं..
तू मिल ज़ाये तो इन तपते अरमानों को ,
तेरे आगोश में ढेर सारा प्यार मिले..
मेरी दर्द भरी अंधेरी रातों को आराम मिले..
आज लिखूँ औरों के लिए खूबसूरत तस्वीर हो तुम,
मेरे लिए मेरी दुनिया मेरी तकदीर हो तुम……..!!
स्वरचित- आभा सिंह
लखनऊ उत्तर प्रदेश