प्यार और भटकाव
कोई इधर है कोई उधर है
नहीं रहा अब कोई सुधर है
कहो ये कैसी है रूसवाई
दिल की पीड़ा ना दी सुनाई
शायद तुमने उपकार किया है
पर हमने तो प्यार किया है!
रोज़ तुम्हारी राहें तकतीं
आंखें फिर भी ना थकतीं
मन चिल्लाता डांटडपटकर
क्यों सोचे अब उसको खोकर
शायद तुमने उपहास किया है
पर हमने तो प्यार किया है!
मीठी मीठी बातें करके
रूप सुहाना छलिया धरके
मुस्कानों से लूट लिया
मेरे सच को झूठ किया
शायद तुमने टाइम पास किया है
पर हमने तो प्यार किया है !
विमल ✍️