प्यार और दोस्ती
धोखा प्यार में मिले तो इंसा दुनिया भूल जाता है,
धोखा अगर दोस्ती में मिले तो इंसा जीना ही भूल
जाता है,
प्यार और दोस्ती का रिश्ता ऐसे जैसे रिश्ता हो जिस्म
ओं जान का,
होता किसी आम के लिए पर हो जाता है किसी खास
का,
अगर विश्वास सिखाता प्यार हमें,
तो दोस्ती अपनेपन का एहसास दिलाती,
जब टूटता अपनेपन और विश्वास इसमें,
तो यह दुनिया को हमसे अनजान बना देती,
और जिन्दगी जीने का सबक हमें सिखाती,
हमें हमसे और हमारी नई जिंदगी से भी यही हमें
मिलवाती,
फिर पुराने नए अंदाज़ में हमारी एक नई पहचान
बनाती,
उस नई पहचान से जब आगे बढ़ाते कदम हम,
और अब कभी न रुकने की मन में ठानते,
तब फिर जिस्म ओं जान के रिश्ते नई कहानी लिखने
को हमारी राह में रहते,
पर अफसोस न पहले जैसे हम और ना ही पहले जैसे
हमारे किरदार रह जाते,
करते कई कोशिशें हम फिर एक बार विश्वास करने
की,
पर अंदर से बिखरे हुए खुद को दोबारा संभाल नहीं
पाते।