Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Mar 2017 · 1 min read

प्यार अभी बाकी है

गर आज भी उनकी बातों में जिक्र हो मेरी फ़िक्र का,
तो समझ लेना की प्यार अभी बाकी है,
गर सुनाई न दे हमारी गुफ्तगू और अल्फाजो में थोड़ा लिहाज हो
तो समझ लेना तकरार अभी बाकी है,
गर मौसम न सुहाना लगे और मेरी हर बात उन्हें बहाना लगे,
तो समझ लेना उनका इंतजार अभी बाकी है,
जब कोई मेरा हाल जानने के लिए बेताब हो और गुस्सा भी बेहिसाब हो,
तो समझ लेना इकरार अभी बाकी है,
जब वो कतराने लगे मेरे करीब आने को और बेसबर हो मुझे पाने को,
तो समझ लेना उनका मुझपे इख़्तियार अभी बाकी है,
मेरी नफरत भी गर उन्हें कुबूल हो और मुझे मनाने की हर कोशिस बेफिजूल हो,
तो समझ लेना की इनकार अभी बाकी है,

Language: Hindi
890 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from RASHMI SHUKLA
View all
You may also like:
मंदिर में जाना जरुरी नहीं।
मंदिर में जाना जरुरी नहीं।
Diwakar Mahto
4760.*पूर्णिका*
4760.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" ऊँट "
Dr. Kishan tandon kranti
" नैना हुए रतनार "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
जिंदगी का आखिरी सफर
जिंदगी का आखिरी सफर
ओनिका सेतिया 'अनु '
यही रात अंतिम यही रात भारी।
यही रात अंतिम यही रात भारी।
Kumar Kalhans
हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
Neeraj Agarwal
सिर्फ कह के नही कर के दिखाना है मुझको
सिर्फ कह के नही कर के दिखाना है मुझको
Harinarayan Tanha
हालात ही है जो चुप करा देते हैं लोगों को
हालात ही है जो चुप करा देते हैं लोगों को
Ranjeet kumar patre
कुछ रिश्ते भी रविवार की तरह होते हैं।
कुछ रिश्ते भी रविवार की तरह होते हैं।
Manoj Mahato
"बूढ़े होने पर त्याग दिये जाते हैं ll
पूर्वार्थ
मैं बेवजह ही मायूस रहता हूँ अपने मुकद्दर से
मैं बेवजह ही मायूस रहता हूँ अपने मुकद्दर से
VINOD CHAUHAN
कोरे कागज़ पर
कोरे कागज़ पर
हिमांशु Kulshrestha
जी20
जी20
लक्ष्मी सिंह
गर्व हमें है ये भारत हमारा।
गर्व हमें है ये भारत हमारा।
Buddha Prakash
यात्रा ब्लॉग
यात्रा ब्लॉग
Mukesh Kumar Rishi Verma
वादा
वादा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ग़म का लम्हा, तन्हा गुज़ारा किजिए
ग़म का लम्हा, तन्हा गुज़ारा किजिए "ओश"
ओसमणी साहू 'ओश'
हररोज लिखना चाहती हूँ ,
हररोज लिखना चाहती हूँ ,
Manisha Wandhare
खुद को खुद से मिलाना है,
खुद को खुद से मिलाना है,
Bindesh kumar jha
श्री राम अमृतधुन भजन
श्री राम अमृतधुन भजन
Khaimsingh Saini
मैं ज्यादा पूजा-पाठ में यकीन नहीं करता। मैं ज्यादा मंदिर जान
मैं ज्यादा पूजा-पाठ में यकीन नहीं करता। मैं ज्यादा मंदिर जान
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ये हक़ीक़त
ये हक़ीक़त
Dr fauzia Naseem shad
कितना
कितना
Santosh Shrivastava
ख़ुद के लिए लड़ना चाहते हैं
ख़ुद के लिए लड़ना चाहते हैं
Sonam Puneet Dubey
विनम्रता ही व्यक्तित्व में निखार लाता है,
विनम्रता ही व्यक्तित्व में निखार लाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जग का हर प्राणी प्राणों से प्यारा है
जग का हर प्राणी प्राणों से प्यारा है
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मैं जा रहा हूँ तुमसे दूर
मैं जा रहा हूँ तुमसे दूर
gurudeenverma198
G
G
*प्रणय*
पारिवारिक मूल्यों को ताख पर रखकर आप कैसे एक स्वस्थ्य समाज और
पारिवारिक मूल्यों को ताख पर रखकर आप कैसे एक स्वस्थ्य समाज और
Sanjay ' शून्य'
Loading...