प्यारे पिता की याद में …
प्यारे पिता !
आपके आदर्श तो अपने संस्कारों में उतार लिए ,
और आपकी यादों को भी ज़हन में बसा लिया ।
दिल में गम अब भी आपकी जुदाई का मौजूद है ,
जिंदगी ने जिसको अपना हिस्सा बना लिया ।
प्रेम तो अब भी करते है आपसे बरसों बाद भी ,
हमने सदा से आपको अपना आदर्श बना लिया ।
मगर इस पर भी दिल को यह बड़ा है अफसोस ,
आपकी निशानियों को न हम संजो पाए ,क्षमा करें ,
जिनको बदकिस्मती से जीवन संघर्ष ने छीन लिया ।
आपकी आवाज सुनने का कभी बहुत जी करता है ,
मगर क्या करें वो साधन भी हमने गंवा दिया ।
अब हम भाई बहन एक दूजे में ही आपको ढूंढ लेते है ,
जब कभी भी आपका ख्याल हमारे ह्रदय में आया ।
तो मां और हम आपस में आपकी बातें कर लेते हैं,
अब क्या करें ? इसी तरह खुद को बहलाना होगा ,
तमाम उम्र के लिए आपकी यादों को सहारा बना लिया ।