प्यारी हिंदी
कबीर की है प्यारी हिन्दी
साखी सबद न्यारी हिन्दी
देख श्याम छवि सूर लिखे
बाला बनी हमारी हिन्दी
कान्ति जानकी मोहक लगती
तुलसी पर है वारी हिन्दी
सतसैया के दोहे पढ़ते
भाव बसी है बिसारि हिन्दी
कबीर सूर बिहारी तुलसी
साहित्य खिली क्यारी हिन्दी