प्यारी सी प्रेम बरसात हुई
प्यारी सी प्रेम शुरुआत हुई
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हुस्नपरी से है कुछ बात हुई,
प्यारी सी प्रेम शुरुआत हुई।
खो से गए उल्फ़त नजारों में,
दिन ढलने लगा तो रात हुई।
बातों ही बातों में बादल बना,
आँसुओं की घनी बरसात हुई।
पुर्वजन्म का कर्ज कुछ बाकी,
इस जन्म में न मुलाकात हुई।
आस उमीदों भरा कटा सफर,
हसीं हर शाम है कायनात हुई।
मनसीरत खोया ख्यालातों में,
हर बार में गम में निजात हुई।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)