प्यारी मेरी बहना
छोटी सी प्यारी तुम मेरी हो बहना,
जैसा तुम चाहो वैसे ही रहना,
याद तुम्हारी आती है हर पल अब,
दिल के पास से दूर न रहना,
कभी भी हो दुख तुम मुझसे ही कहना,
बहना हो तुम प्यारी मेरी बहना ।
जैसा तुम चाहो खुश तुम रहना,
तुम्हारी खुशी में हमारी खुशी है,
तुम्हारे अरमान पूरा मुझे है करना,
भाई के होते हुए तुम कभी न डरना,
हर पल तुम मुझ पर विश्वास सिर्फ करना ,
बहना हो तुम प्यारी मेरी बहना ।
हक भी तेरा है ये घर भी तेरा है ,
यह धन दौलत तुझसे न बड़ा है ,
प्यार की डोर तुझ से ही बंँधा है ,
आंँसू तेरे निकले मुझसे सहा ना जाए ,
बिना तेरे इन महलों में खंडहर नजर आए ,
बहना हो तुम प्यारी मेरी बहना ।
जब भी तुम रूठी तो हर पल मनाया,
तेरे होने से घर में बहती है माया,
तेरी रहने से खुशी की रहती है छाया,
आवाज तुम्हारी सुन लूँ ना जब तक,
खुद घर मे होने का एहसास करता न तब तक,
बहना हो तुम प्यारी मेरी बहना ।
रचनाकार
बुद्ध प्रकाश
मौदहा हमीरपुर ।