प्यारी माएं…..
ना सुबह देखी ना रात देखी,
ना सुकून भरी वो शाम देखी,
बिना शिकायत बिना थके देखी,
फ़र्ज़ निभाते हुए हमेशा देखी।
वह है प्यारी माएं…..
परिवार में खयाल सभी का,
बच्चो को खाना उनकी पसंद का,
धुले प्रेस कपड़े खयाल सब का,
मुस्कुराता चेहरा होम मैनेजर का,
वह है प्यारी माएं……
बच्चो की अच्छी पढ़ाई ही उद्देश,
पढलिख अच्छी नौकरी ही उद्देश,
बाद में बच्चो का विवाह ही उद्देश,
उसके बाद सुखी परिवार ही उद्देश,
वह है प्यारी माएं……
किसी की अच्छी किस्मत, जिन्हे पालापोसा जन्म देने वाली ने,
किसी की बदकिस्मत, जिन्हे पालापोसा किसी और ने।
वही है प्यारी माएं…..
मत भूलो वक्त कभी नहीं एक समान जिंदगी में,
सुख दुख हर वक्त मांओं का त्याग, शिक्षा ही आयेगी याद जिंदगी में,
वही है प्यारी माएं
दीपाली कालरा
नई दिल्ली