प्यारी दीदी
छोड़ हमे तुम चली गयी,
अपनी यादों के साथ में ।
किससे बँधवाउंगा मैं अब,
राखी अपने हाथ में ।
तेरा चेहरा आंखों में,
भूल नहीं मैं पाता हूँ ।
अंतिम क्षण न देख सका ,
ये सोंच मैं रोता जाता हूँ ।
हम सबकी तू प्यारी बहना,
तेरे संग हम बड़े हुए ।
खून का रिश्ता इतना गहरा,
प्रेम के धागे जुड़े हुए ।
माँ के बाद तुझे ही पाया,
दूजी ममता की मूरत ।
तेरे बच्चों में दिखती है ,
मुझको बस तेरी सूरत ।
दिल ये पागल कहता है कि,
तू फिर से कहीं मिल जाएगी ।
सोकर जब मै आखें खोलूं ,
तू सामने मेरे मुस्कायेगी ।
बड़ा कठिन होता है वो पल,
जब अपने हो जाते दूर ।
हमको रोता छोड़ के पीछे,
कर देते कितना मजबूर ।
मिले तुझे आराम वहाँ,
तू छोड़ जहाँ अब जाती है ।
न रहकर भी इस दुनिया में ,
इस दिल में नज़र तू आती है ।
प्यार हमारा बना रहेगा,
जब तक मैं ज़िंदा हूँ बहना ।
मेरी प्यारी दीदी सुन लो ,
तेरे भाई का है ये कहना ।
ध्यान रखूँगा तेरे पीछे ,
तेरे अपनों का हर दम ।
मामा मैं भी माँ है बसती,
प्यार तेरा न होगा कम ।
तेरे बच्चों के सर पर,
सदा रहेगा मेरा हाँथ ।
छोड़ हमें तुम चली गयी ,
अपनी उन यादों के साथ ।