” प्यारी कुक्कू “
एक गांव में कुक्कू नाम की एक छोटी सी लड़की अपने माता-पिता के साथ रहती है ।
एक दिन वह अपने घर के बाहर खेल रही होती है तभी उसकी नजर पड़ोस के घर से निकलते हुए एक व्यक्ति पर पड़ती है, वह देखती है कि वह व्यक्ति ढेर सारा कचरा अपने घर से निकाल कर गलियारे में ले आकर खुले में फेंक देता है यह देख कर उस लड़की को बहुत ही बुरा लगता है वह उस व्यक्ति के घर जाती है और कहती है , चाचा जी आपने अपना घर तो साफ कर दिया किन्तु इस तरह से खुले में कचरा फेंक कर आपने अपने आस- पास के वातावरण में गंदगी फैला दी है ।
ऐसा नहीं करना चाहिए इस तरह से खुले में कचरा फेंकने से बहुत सी बीमारियों का जन्म होता है और इस वजह से वायु प्रदूषण भी फैलता है , कृपया आप कूड़ा कूड़ेदान में ही डालें छोटी सी बच्ची की बात सुनकर उस व्यक्ति को अपनी गलती का एहसास हो जाता है वह आगे से ऐसा न करने की बात कहता है ,
फिर धीरे-धीरे वह लड़की उनके घर घुल मिल जाती है एक दिन वह उस घर के बच्चों के साथ बैठी होती है तभी उस घर के मुखिया बाजार से गरम – गरम जलेबियाँ लेकर आते हैं और बच्चों में बांटने लगते हैं जैसे ही वह बच्चों में बांटना प्रारंभ करते हैं छोटी बच्ची कुक्कू कहती है अभी हाथ धो कर आती हूं फिर लूंगी , क्योंकि बिना हाथ धोए कोई भी भोज्य पदार्थ नहीं खाना चाहिए हमारे हाथों के कीटाणु हमारे हाथ के माध्यम से मुंह तक पहुंचकर फिर वह हमारे पेट में पहुंच जाते हैं और वह बीमारियां पैदा करते हैं जो हमें शारीरिक रूप से कमजोर बनाती हैं वह अपने साथी बच्चों से भी कहती है कि बिना हाथ धोए कभी भी भोजन ना करें सभी बच्चे उसके साथ हाथ धोने के लिए जाते हैं और फिर आकर वह जलेबियां खूब मजे के साथ खाते हैं ।
स्वच्छता हमारे लिए बहुत आवश्यक है स्वच्छता अपनाकर हम कई प्रकार की बीमारियों को समाप्त कर , भारत में गंदगी से उतपन्न बीमारियों से होने वाले मृत्यु दर को कम कर सकते हैं।
” स्वच्छ राष्ट्र , स्वस्थ राष्ट्र ”
स्वच्छता राष्ट्र सेवा है और इसे अपनाना हमारा राष्ट्र धर्म, अतः –
बीमारियों को दूर भगायें,
जीवन में खुशहाली लायें,
स्वच्छ रख अपना भारत,
विश्व में इसका मान बढायें।