प्यारा वृक्ष
अडिग रहना हैं इनका काम,
त्याग ही है इनकी पहचान,
सदा आते हैं ये हमारे काम,
मृत होकर भी देते आराम ।
है नाना उपयोग इनके,
जन्म से ही होते ये बड़े अनोखे,
हमे खुश करते फूल-फल देके,
जीवन धन्य होता इन्हें पाके।
दया- भाव भी सीखे इनसे कोई,
चिड़ियों का ये घर बन जाते,
अचानक जब तेज धूप या बरसा होए,
पथिक के लिए ये छतरी बन जाते ।
जिधर नजर दौड़ाओं,
दिखता इन्हीं का सायाँ है,
ठंडी-ठंडी हवाएं इनकी ,
मन को अति भाया हैं ।
खुद तपते रहते हैं पर,
हमे देते हैं शीतल छायां ,
अपने परिवार के रूप में,
है मैंने इसे पायां ।
अमूल्य ऑक्सिजन देने के कारण,
ये पृथ्वी का फेफड़ा कहलाते,
हमेशा अडिग रहो तुम आप पर,
मानवता का ये पाठ पढ़ाते ।
इनमें कोई स्वार्थ नहीं हैं,
लेते न कुछ पर सब दे देते,
इनके मीठे मीठे प्यारे फल,
मेरे मन को बहुत है भाते ।
चलो हम सब एक अभियान चलाएँ,
घर – घर वृक्षारोपण का पाठ पढ़ाए,
लगाकर हर -घर में अमूल्य वृक्ष,
प्यारे वृक्षों की संख्या बढ़ाएं।
✍️✍️✍️✍️✍️खुशबू खातून