छेड़ी तान
मेरा तन भी नाचे
मेरा मन भी नाचे
सुनकर मुरली धुन
राधा रानी भी नाचे
कान्हा ने छेडी तान
राधा न अपनी सुध
झुम के मन भी नाचे
मतवाले को न सुध
नदियाँ किनारे बैठे
नटखट मोर गोपाल
पोरी- पोरी है मटके
सुन मुरली धुन राधा
राधा के मन को भाए
है नटखट माखनचोर
पास न आए दूर जाए
मुरली बजाय माखनचोर
राधा हो गई है दीवानी
दुनिया है ताने मारती
तुम बिन मोहे कौन है
कान्हा की हुई दीवानी
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा