पैसों से मत तोले
मैं गरीब से जाना जाऊँ
इसमें हैं क्या मेरा दोष।
मैं पैसो से तौला जाऊँ
लग जाता है मेरा मोल
कर्म करू असफल हो जाऊ।
इसमें न मिलता संतोष ।
नही चाहिए ईश मुझे
धन से मान और और सम्मान ।
पर पैसो से तौले जाने पर।
होता है मुझको रोष।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र