पैसे की अहमियत
पैसो से संप्राप्ति हमें,
इशरत की जिन्दगी है,
पर न संप्राप्ति हमें,
अमन और चैन की जिन्दगी है।
न रही ये दुनिया,
अब पहले जैसी है,
आज लोग रिश्तों को नहीं,
पैसो को अहमियत देते है।
पैसा के पीछे सटकता,
ये पूरा जमाना है,
आज लोग दिल को नहीं ,
पैसा को देख,
बनाते अपने रिश्ते है।
पैसों ने हम इंसानों को,
बना दिया अंधा है,
इसके मोह मे हम,
अनगिनत अपराध कर जाते हैं।
अपने अपराध को कम करना है,
तो पैसों के मोह को त्यागना होगा।।
नाम-उत्सव कुमार आर्या
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय, बिहार