Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Dec 2018 · 1 min read

पैसा

नहीं सोना
“पैसों के ढेर” पर,

बस यूँही
करते रहना है कर्म मुझको,

जीने की ख्वाहिश तो
रखते हैं जनाब,
मगर चन्द सिक्कों की खातिर
नहीं मरना मुझको।

अरुणा डोगरा शर्मा

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 359 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Aruna Dogra Sharma
View all
You may also like:
वो ज़माने चले गए
वो ज़माने चले गए
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
"We are a generation where alcohol is turned into cold drink
पूर्वार्थ
तुम इश्क लिखना,
तुम इश्क लिखना,
Adarsh Awasthi
*स्वच्छ मन (मुक्तक)*
*स्वच्छ मन (मुक्तक)*
Rituraj shivem verma
"सुधार"
Dr. Kishan tandon kranti
कविता ही हो /
कविता ही हो /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*राष्ट्रभाषा हिंदी और देशज शब्द*
*राष्ट्रभाषा हिंदी और देशज शब्द*
Subhash Singhai
ईश्वर की कृपा दृष्टि व बड़े बुजुर्ग के आशीर्वाद स्वजनों की द
ईश्वर की कृपा दृष्टि व बड़े बुजुर्ग के आशीर्वाद स्वजनों की द
Shashi kala vyas
वहशीपन का शिकार होती मानवता
वहशीपन का शिकार होती मानवता
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बाल कविता: तितली
बाल कविता: तितली
Rajesh Kumar Arjun
जिंदगी को बड़े फक्र से जी लिया।
जिंदगी को बड़े फक्र से जी लिया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
तुम्हें जब भी मुझे देना हो अपना प्रेम
तुम्हें जब भी मुझे देना हो अपना प्रेम
श्याम सिंह बिष्ट
छोटी-सी मदद
छोटी-सी मदद
Dr. Pradeep Kumar Sharma
माँ सच्ची संवेदना, माँ कोमल अहसास।
माँ सच्ची संवेदना, माँ कोमल अहसास।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मैं महकती यादों का गुलदस्ता रखता हूँ
मैं महकती यादों का गुलदस्ता रखता हूँ
VINOD CHAUHAN
पाश्चात्यता की होड़
पाश्चात्यता की होड़
Mukesh Kumar Sonkar
Just lost in a dilemma when the abscisic acid of negativity
Just lost in a dilemma when the abscisic acid of negativity
Sukoon
भूलकर चांद को
भूलकर चांद को
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
60 के सोने में 200 के टलहे की मिलावट का गड़बड़झाला / MUSAFIR BAITHA
60 के सोने में 200 के टलहे की मिलावट का गड़बड़झाला / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
इजाज़त है तुम्हें दिल मेरा अब तोड़ जाने की ।
इजाज़त है तुम्हें दिल मेरा अब तोड़ जाने की ।
Phool gufran
पूछी मैंने साँझ से,
पूछी मैंने साँझ से,
sushil sarna
🙏🏻 अभी मैं बच्चा हूं🙏🏻
🙏🏻 अभी मैं बच्चा हूं🙏🏻
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
" तुम्हारे इंतज़ार में हूँ "
Aarti sirsat
बहुत कुछ पढ़ लिया तो क्या ऋचाएं पढ़ के देखो।
बहुत कुछ पढ़ लिया तो क्या ऋचाएं पढ़ के देखो।
सत्य कुमार प्रेमी
हौसला
हौसला
Monika Verma
मां
मां
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
3064.*पूर्णिका*
3064.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#बाउंसर :-
#बाउंसर :-
*Author प्रणय प्रभात*
*रामचरितमानस में अयोध्या कांड के तीन संस्कृत श्लोकों की दोहा
*रामचरितमानस में अयोध्या कांड के तीन संस्कृत श्लोकों की दोहा
Ravi Prakash
Loading...