पैसा
पैसा हैं तो इज्जत हैं, वरना बेइज्जत हैं…..
पैसा हैं तो सन्मान हैं, वऱना बेईमान है……
पैसा हैं तो सुख हैं, वरना दु:ख ही दु:ख हैं…..
इंसान ने पैसे को बनाया लेकीन खुद उसका गुलाम बन गया……
अब पैसा बोलता है, और इंसान चुप रहता है….
पैसा ही तो हैं, जो न्याय को अन्याय में बदल देता हैं……
पैसा ही तो है,जो सच को झुठ में बदल देता हैं…..
पैसा ही तो है, जो अपनोंको दुश्मन बना देता हैं……..
पैसा जिन्दगी सवाँर भी सकता है, पैसा जिन्दगी बिगाड़ भी सकता है…..
माना की पैसा सर्वश्रेष्ठ हैं, इसके बिना जिंदगी
अधुरी हैं….
पर उसका गलत उपयोग ना करो, क्यो की ये लक्ष्मी का प्रतीक हैं……