पैसा
पैसे का बदला स्वरूप
बदल ना बदला लालच का रूप,
सोने की च मक चांदी की खनक,
और हां इसका डिजिटल स्वरूप,
बेचकर आत्मा भूलकर परमात्मा
इस नश्वर संसार में
क्या साथ ले जाओगे,
क्या साथ ले जाओगे,
पैसा तेरा पिता हुआ पैसा तेरी माता,
यह अपार धन माया पाप कर्म से कमाया,
पाप का धन क्या साथ तेरे जाएगा
दो गज कपड़ा ६मन लकड़ी में सिमट जाएगा
पल चार मे शून्य में विलीन हो जाएगा
पैसा का सत उपयोग कर ,
हर जन जीवन को यही समझना,
जीवन है अनमोल इसे बचाना।