पैसा
एक पैसा दो पैसा
कितने हो चार पैसा
दो पैसा और दो
तब होंगे चार पैसा
पैसा पैसा ही पैसा
क्यों खनकती ही ऐसा
गोल – मटोल गोलम् गोल
मूल्य भी इसके होते दो
दीदी अम्मा अब्बा हुजूर
कैसे होता ये देश का काम
बनती इससे अर्थव्यवस्था
घरों बाजारों राज्यों देशों का
मिलती हमें जीडीपी सदा
बनती फिर हरवर्ष बजट
देश समृद्धि होता फिर
विकास भी होती हर बार
स्वच्छ भारत मिशन
हर घर – घर तक जाते
स्वाबलम्बी आत्मनिर्भर
होते हमारा प्यारा भारत