पैसा बोलता है
पैसे के गुण अनेक,
करे काम बड़े नेक,
मान देता जग सारा,
श्री चक्षु खोलता है,
कि पैसा बोलता है।
अभाव न कटे जाड़ा,
पैसा भरे पेट सारा,
रहता चंचल सदा,
भूख को तोलता है,
कि पैसा बोलता है।
पैसे से ही प्यार बिके,
पैसे से ही रोब दिखे,
पैसा ढके दोष सारा,
मन भाव टोलता है,
कि पैसा बोलता है।
पैसा भरे प्यार कहीं,
पैसे से हो रार कहीं,
तम जब भारी पड़े,
सत्य को मोलता है,
कि पैसा बोलता है।
पैसे से ही नभ उड़े,
धरती व गगन जुड़े,
साथ जब भद्र के हो,
प्रेम रस घोलता है,
कि पैसा बोलता है।
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अशोक शर्मा,
कुशीनगर,
उ.प्र.
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