पैसा बोलता है
पैसा बोलता है
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आपकी चमक आपकी धमक,
चलते हैं तो उड़ते है महक ।
देखते ही पता चलता है ,
भाई साहब पैसा बोलता है।
ऊंची बिल्डिंग सुंदर नजारा,
चमकती गाड़ी चलता किनारा।
देखते ही पता चलता है,
भाई साहब पैसा बोलता है।
शर्ट और टाई ऊपर में ब्लेजर,
धुआं उड़ाती मुंह में सीजर।
देखते ही पता चलता है,
भाई साहब पैसा बोलता है।
पैसे की कीमत तुम क्या जानो,
गरीब मजदूर की मेहनत मानो।
देखते ही पता चलता है,
भाई साहब पैसा बोलता है।
देह बाजार शिक्षा व्यापार,
हर जगह है जी भ्रष्टाचार ।
देखते ही पता चलता है,
भाई साहब पैसा बोलता है।
खाली हाथ आए थे ,
खाली हाथ जाओगे ।
असली पैसा को जानोगे,
तभी परम आनंद को पाओगे।
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कवि डीजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
पिपरभावना , बलौदाबाजार(छ ग)
मो.8120587822