“पैसे का मोल”
नमक औ चीनी के लिए भी पैकेट में पैसे नहीं है,
दूध का भी पैसा बाकी है,घी का भी पैसा बाकी है,
ये कैसा नाजुक घड़ी आया है, देखो आज कल,
सुनने में आ रहा है,कि कान के बाली का भी पैसा बाकी है ।।
जागी हुई राहों में सोए हुए चलती हो, क्या बताऊं मैं तेरे जिंदगी का दास्तां, तुम तो सर झुकाए चलती हो।।