//… पैगाम-ए-दिवाली…//
//… पैगाम-ए-दिवाली…//
मत हो परेशान तू ,
जिंदगी एक काम है…!
मुश्किलों से लड़ना सीख ,
जिंदगी एक मुकाम है…!
किस घड़ी यह कैसी होगी ,
इससे सब अनजान है…!
अपना हौसला बुलंद रख ,
फिर जिंदगी तेरे नाम है…!
दे रहा मैं तुम्हें कि आज ,
दिवाली की शाम है…!
जो कुछ भी है मेरे पास ,
बस यही , बस यही पैगाम है…!
चिन्ता नेताम ” मन ”
डोंगरगांव (छत्तीसगढ़)