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12 Mar 2021 · 1 min read

पैगाम – ए – इबादत , सभी के दिलों का नूर हो जाए

1.

पैगाम – ए – इबादत , सभी के दिलों का नूर हो जाए
ख्वाब में भी सब , तेरी बंदगी करने लगें

2.

परेशां हूँ मैं यह सोच – सोचकर , गर हम तेरे बन्दे हैं
फिर एक दूसरे का खून क्यों कहा रहे हैं हम

Language: Hindi
1 Like · 265 Views
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Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
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