पे बैक टू सोसायटी
देश और
समाज के लिए
जो भी
मुमकिन हो
वह करो!
मूर्दों की तरह
जीने से
बेहतर है
जिंदों की तरह
तुम मरो!!
तुम्हारी ही
बदौलत वे
तुम पर
हुक़ूमत
करते आ रहे!
अब उनके
डरने की
बारी है
तुम उनसे
मत डरो!!
Shekhar Chandra Mitra