पेड़ सबका साथी है
मां यही समझाती है,
पेड़ सबका साथी है।
पेड़ों से ही तो बहार है,
पेड़ों से जिंदा संसार है।
पेड़ न हो जब धरती पर तो,
जीवन कल्पना बेकार है।
झूमती है फिजाएं मगन में,
जमीं भी मुस्काती है।
साफ-स्वच्छ करते हवाएं ये,
फल-फूल भी कई देते हैं।
बरसाते हैं पानी भी ये,
बदले में कुछ ना लेते हैं।
फिर भी काट रहें इसे क्यों,
शर्म ज़रा न आती है।
पेड़ सबका साथी है।